Birsa Munda in Hindi – आंदोलन (1895-1900 ई)
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Birsa Munda आंदोलन छोटा नागपुर पठार में 19वीं शताब्दी के वीर आदिवासी आंदोलनों में अंतिम और सबसे व्यापक था। मुंडा जनजात्ति 2000 से अधिक वर्षों से छोटा नागपुर पठार में रह रहे थे और इस भूमि के सबसे प्राचीन निवासियों में से एक हैं।
विद्रोह के नेता बिरसा मुंडा थे जिन्हें बिरसा भगवान के नाम से जाना जाता था। उन्हें “धरती आबा” के नाम से भी जाना जाता था। बिरसा के संदेश का मूल आरंभ सामाजिक और धार्मिक था जो बाद में धार्मिक-राजनीतिक आंदोलन के रूप में परिवर्तित हो गया।
बिरसा आंदोलन/उलगुलान/विद्रोह ने छोटा नागपुर के आदिवासी लोगों के बीच दमनकारी और असमान भूमि प्रणाली और कानूनों से छुटकारा पाने की तीव्र आंदोलन के लिए जागरूकता पैदा की।
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Birsa Munda in Hindi – आंदोलन की पृष्ठभूमि
Birsa Munda Biography in Hindi
1858 में सरदारी आंदोलन को बिरसा आंदोलन की पृष्ठभूमि माना जा सकता है। सरदारी आंदोलन अच्छी तरह से संगठित तो था, लेकिन एक करिश्माई नेता का अभाव था और परिणामस्वरूप मुंडाओं को एक प्रभावी विद्रोह के लिए एकजुट करने में विफल रहा। ऐसा करिश्माई नेता 1895 में बिरसा मुंडा के रूप में मिला।
Q. सामूहिक खेती की व्यवस्था खूंटिक्ति को समाप्त कर बैठ बेगारी प्रथा के खिलाफ किस जनजात्तिए विद्रोह का उदय हुआ?
A)
B)
D)
… Answer is: बिरसा आंदोलन/उलगुलान
Birsa Munda in Hindi – आंदोलन के कारण
1. ज़मींदारों और साहूकारों द्वारा शोषण: इस आंदोलन में जनजातियों ने अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ी जिन्होंने खुले तौर पर जमींदारों और साहूकारों का समर्थन किया जिन्होंने भ्रष्ट ब्रिटिश और भारतीय अधिकारियों का फायदा उठाया। न्याययालयों से भी जनजात्तियों को न्याय के जगह निराशा ही मिली।
2. खूंटकट्टी व्यवस्था और बंधुआ मजदूर की अवधारणा: खूंटकट्टी व्यवस्था मुंडा जनजात्तियों में प्रचलित पारम्परिक सामूहिक भू स्वामित्व की व्यवस्था को कहते हैं।
ज़मींदारों, साहूकारों और व्यापारियों ने मुंडाओं की इस पारम्परिक व्यवस्था को समाप्त कर बंधुआ मजदूर (बेठ बेगारी ) व्यवस्था लागू कर दिया जो मुंडाओं के शोषण का कारण बना।
3. ईसाई मिशनरियों के धर्मांतरण पर मुंडाओं की नाराजगी: ईसाई मिशनरियों ने खूंटकट्टी व्यवस्था और बंधुआ मजदूर की समस्याओं के समाधान करने का प्रलोभन दे कर मुंडाओं का धर्मान्तरण कराया जिस कारण मुंडाओं में नाराजगी थी।
4. छोटानागपुर का वन सुरक्षा क़ानून 1894: इस क़ानून ने जनजात्तियों को उनके जीवन निर्वाह के प्रमुख़ स्रोत वन और वन उत्पाद से वंचित कर दिया जिस कर आदिवासी भूखे मरने के कगार पर आ गए। और नतीजतन एक मुंडाओं ने विद्रोह का बिगुल बजा दिया और आंदोलन का आयोजन किया गया।
Birsa Munda in Hindi – आंदोलन के चरण
पहला चरण (1895-99)
इस चरण में, आंदोलन धार्मिक से राजनीतिक आंदोलन में बदल गया। अगस्त 1895 में बिरसा को गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया गया पर बाद में क्वीन विक्टोरिया के शासन की डायमंड जुबली की पूर्व संध्या पर बिरसा को 1897 में जेल से रिहा कर दिया गया।
दूसरा चरण (1899-1900)
इस चरण में आंदोलन खुली हिंसा और संघर्ष में परिवर्तित होने लगा। इस चरण में, खुंटी स्टेशन पर हमला किया गया था और एक पुलिस उप-निरीक्षक को मार दिया गया था।
तीसरा चरण (1900-1901)
इस चरण में, बिरसा को 3 फरवरी 1900 को गिरफ्तार किया गया और दो साल के सश्रम कारावास के लिए दोषी ठहराया गया, जहां हैजे के कारण जेल में उनकी मृत्यु हो गई।
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Birsa Munda द्वारा अपनाए गए तरीके
Birsa Munda ने मुंडाओं से अंधविश्वास को खत्म करने, नशीले पदार्थों के सेवन और पशु बलि को समाप्त करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि चोरी, धोखे, हत्या, मादकता और बहु-विवाह (polygamy) पाप थे।
लोग उन्हें अपना सिंगबोंगा या सूर्य देव मानते थे। वह खसरा कोरा के अवतार के रूप में भी देखा गया जिसने असुरों को नष्ट कर दिया था। बिरसा मुंडा ने लगातार कई प्राचीन कथाओं के साथ आदिवासियों भावना को प्रभावित किया जो लोकप्रिय चेतना में अंतर्निहित थे।
उन्होंने लोगों को पुलिस, मजिस्ट्रेट और जमींदारों की बात न मानने और बंधुआ मजदूर का बहिष्कार करने की सलाह दी। उन्होंने अवैध भूमि अधिग्रहण और जमींदार, विदेशी और व्यापारियों के शोषण के खिलाफ बात की।
1895 में, Birsa Munda के नेतृत्व में ईसाई मिशनरियों और पुलिस स्टेशनों के खिलाफ आगजनी और तीर फायरिंग शुरू हुई। पहाड़ी सभाओं में गुप्त बैठकें होती थीं जहाँ वे अपने अगले हमलों की योजना बनाते थे।
25 दिसंबर 1899 को मुंडाओं ने ईसाइयों और उन मुंडाओं पर हमला किया जो ईसाई में परिवर्तित हो गए थे।
Birsa Munda को पकड़ने के लिए कमिश्नर फॉरबेस और डिप्टी कमिश्नर स्ट्रीट फील्ड ने एक पुलिस अभियान चलाया और सैल रैकब पहाड़ी की युद्ध में उन्हे 3 मार्च 1900 को चक्रधरपुर से गिरफ्तार किया गया था। 9 जून 1900 को रांची जेल में हैजा के कारण उनकी मृत्यु हो गई।
Q. “कटोंग बाबा कटोंग” किस विद्रोह के गीत थे ??
A)
… Answer is: बिरसा आंदोलन/उलगुलान
Birsa Munda आंदोलन का प्रभाव
- बिरसा आंदोलन का एक प्रभाव अंग्रेजों की भूमि प्रबंधन प्रणाली पर पड़ा। 1908 में, आंदोलन के परिणामस्वरूप, छोटा नागपुर में कश्तकारी कानून (Chotanagpur Tenency Act ) लागू किया गया।
- छोटा नागपुर टेनेंसी एक्ट आंदोलन का एक और प्रभाव था जो 11 नवंबर 1908 को अस्तित्व में आया। बंधुआ मजदूर की व्यवस्था को समाप्त कर दिया गया।
- खूंटकट्टी प्रणाली की मान्यता और प्रणाली की शुद्धता को संरक्षित करने के लिए कदम उठाया गया।
- नवंबर 1902 में, गुमला अनुमंडल की स्थापना की गई और 1905 में, खुंटी की स्थापना की गई।
Birsa Munda in Hindi – Top 30 most important facts- महत्वपुर्ण प्रश्न
Sr no. | Question | Answer |
---|---|---|
1. | किस विद्रोह के परिणाम स्वरुप 1903 ई. में खूंटी को अनुमंडल बनाया गया ? | बिरसा मुंडा का विद्रोह |
2. | छोटानागपुर काश्तकारी अधिनियम कब लागू किया गया ? | 11 नवम्बर 1908 |
3. | बिरसा विद्रोह के समय रांची के उपायुक्त (डिप्टी कमिश्नर) कौन थे ? | स्ट्रेटफील्ड |
4. | बिरसा मुंडा आंदोलन का अन्य नाम क्या था ? | बिरसा मुंड उलगुलान |
5. | बिरसा विद्रोह के समय रांची के आयुक्त ( कमिश्नर) कौन थे ? | फॉरबेस |
6. | मुंडा विद्रोह का प्रारंभ कब हुआ। | 1895 ई. |
7. | बिरसा मुंडा के आंदोलन का केंद्र कहां था? | खूंटी |
8. | मुंडा विद्रोह का प्रारंभिक स्वरूप क्या था ? | सुधारवादी |
9. | बिरसा मुंडा ने स्वयं को भगवान का दूत कब घोषित किया ? | 1895 ई. |
10. | “कटोंग बाबा कटोंग” किस विद्रोह के गीत थे ? | बिरसा मुंडा विद्रोह |
11. | बिरसा मुंडा को प्रथम बार कब गिरफ्तार किया गया। | 24 अगस्त 1995 ई. |
12. | बिरसा मुंडा को सर्वप्रथम गिरफ्तार करने वाला पुलिस अधिकारी (डिप्टी सुपरिटेंडेंट) कौन था ? | जी आर के मेयर्स |
13. | बिरसा के बचपन का नाम क्या था ? | दाऊद मुंडा |
14. | बिरसा मुंडा को पहली बार जेल से कब मुक्त किया गया था। | 30 नवम्बर 1897 ई. |
15. | बिरसा मुंडा द्वारा 25 दिसंबर 1899 को अंग्रेजों के विरुद्ध विद्रोह करने का निर्णय कहां लिया गया था। | डुमबारु बुरु |
16. | बिरसा मुंडा ने किसे अपने आंदोलन के धार्मिक सामाजिक शाखा का प्रमुख किसे बनाया था ? | सोमा मुंडा |
17. | बिरसा मुंडा के सेना के सेनापति कौन थे? | गया मुंडा |
18. | मुंडा विद्रोह में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली मानकी मुंडा किसकी पत्नी थी। | गया मुंडा |
19. | बिरसा मुंडा ने किसे अपने आंदोलन के राजनीतिक शाखा का प्रमुख बनाया था। | दोनका मुंडा |
20. | किस स्थान पर अंग्रेजों ने जालियांवाला बाग की तर्ज पर गोलियां बरसाई थी ? | डोंमबरी पहाड़ |
21. | बिरसा मुंडा को पकड़वाने हेतु कितने रुपए का इनाम घोषित किया गया था। | 500 रुपए |
22. | बिरसा मुंडा का निधन किस तिथि को हुआ था। | 9 जून 1900 |
23. | बिरसा मुंडा की मृत्यु किस बीमारी से हुई थी। | हैजा |
24. | बिरसा मुंडा की मृत्यु किस जेल में हुई थी। | राँची जेल |
25. | बिरसा मुंडा के गुरु कौन थे। | आनंद पांडेय |
26. | बिरसा मुंडा का अन्य नाम क्या था ? | धरती आबा |
27. | किस विद्रोह के परिणाम स्वरुप 1902 में गुमला को अनुमंडल बनाया गया। | बिरसा मुंडा का विद्रोह |
28. | सामूहिक खेती की व्यवस्था खूंटिक्ति को समाप्त कर बैठ बेगारी प्रथा के खिलाफ किस जनजात्तिए विद्रोह का उदय हुआ। | बिरसा मुंडा विद्रोह |
29. | बिरसा के माता-पिता का नाम क्या था ? | कदमी मुंडा और सुगना मुंडा |
30. | बिरसा के आरंभिक शिक्षक का नाम क्या था ? | जयपाल नाग |
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