Hello aspirants, Jharkhand Samanya Gyan in Hindi की इस Series में Jharkhand job portal आपको अंग्रेजों के झारखण्ड प्रवेश और झारखंड विजय के बारे में बताने जा रहे हैं।
Jharkhand Samanya Gyan in Hindi – अंग्रेजों का झारखण्ड प्रवेश
अंग्रेजों का झारखण्ड में प्रवेश वर्ष 1767 से आरम्भ होती है। दरअसल वर्ष 1765 में मुग़ल बादशाह Shah Alam II के द्वारा कंपनी को बंगाल, बिहार और ओडिशा का दीवानी का अधिकार मिला था।
कंपनी इसी दीवानी को हथियार बना कर झारखण्ड को अपने अधीन लाना चाहता था क्यूंकि झारखण्ड क्षेत्र दक्षिण बिहार का भाग था परन्तु झारखण्ड के राजा और जमींदार खुद को स्वतंत्र मानते थे।
कंपनी झारखण्ड को अपने अधिकार क्षेत्र में लेन के लिए तमाम हथकंडे अपनाये पर आधिकारिक रूप से झारखण्ड अंग्रेजों के पूर्णतः अधीन सिंघभूम के कोल्हान क्षेत्र पर अधिकार से होता है।
अंग्रजों ने कोल्हान क्षेत्र पर बहुत जद्दोजह के बाद 1837 में अधिकार किया था। सिंघभूम राजवंश के बारे में एक Article Jharkhand GK- Singhbhoom Dynasty हमने पहले ही प्रकाशित कर दी है ।
Jharkhand Samanya Gyan in Hindi – अंग्रेजों के झारखण्ड प्रवेश के कारण
सुरक्षित और छोटे व्यापारिक मार्ग की तलाश करना:
अंग्रेजों की यह जरुरत झारखण्ड के रास्ते पूरी हो सकती थी क्यूंकि British India की राजधानी बंगाल थी और झारखण्ड बंगाल और उत्तर भारत के बीच के सेतु का काम करती थी।
परन्तु यह आसान नहीं था क्यूंकि झारखंड में भी क्षेत्रीय राजवंश मौजूद थे जिन पर या तो संधि कर के या फिर उनको अपने अधीन बना कर ही एक सुरक्षित मार्ग अपनाया जा सकता था।
विद्रोही जमींदारों को Jharkhand में शरण लेने से रोक लगाना:
दरअसल Jharkhand की भूमि मध्यकालीन समय से ही एक सुरक्षित आश्रय स्थली बानी हुई थी कारण था यहाँ की भौगोलिक स्तिथि।
हमने मध्यकालीन इतिहास (medieval history) के समय देखा था की कैसे मुग़लों और अन्य मुस्लमान शासकों के विरुद्ध झारखण्ड क्षेत्र का इस्तेमाल हुआ था।
इसी तरह आधुनिक इतिहास (Modern History) में भी अंग्रेजों के विरुद्ध झारखण्ड क्षेत्र का इस्तेमाल ज़मींदार कर ना चूका पाने पर भाग कर झारखण्ड में छिप जाने के लिए करते थे।
मराठा आक्रमण से कंपनी की सीमा सुरक्षा
मराठाओं की राजधानी नागपुर और British India की राजधानी के ठीक मध्य में झारखण्ड पड़ता था। मराठा इसी का इस्तेमाल करके बंगाल और बिहार सूबा के सीमावर्ती इलाके पर आक्रमण किआ करते थे।
मराठा अक्सर पलामू के रास्ते आते थे और आक्रमण करके पलामू के जंगलो में छिप जाते थे। इसलिए झारखण्ड के पलामू क्षेत्र पर अधिकार करना अंग्रेजों के लिए महत्वपूर्ण था।
पलामू के चेरो राजवंश की संपूर्ण जानकारी के लिए देखे Jharkhand GK- Chero Dynasty of Palamu.
अंग्रजों के अधीन झारखण्ड के क्षेत्रीय राजवंश
झारखण्ड के क्षेत्रीय राजवंश की संपूर्ण जानकारी के लिए देखे – क्षेत्रीय राजवंश
जनजातीय विद्रोह की संपूर्ण जानकारी के लिए देखे – जनजातीय विद्रोह
Dear Aspirants, Jharkhand GK/Jharkhand samanya Gyan in Hindi series में हमने Jharkhand samanya Gyan in Hindi -झारखण्ड में अंग्रेजों का प्रवेश के बारे में discuss किया।
यह आर्टिकल आपको Jharkhand में होने वाले सभी Sarkari Naukri Exams में आपकी मद्दद करेगा।